गुरुवार के दिन ना धूले बाल अन्यथा हो सकते हैं कई तरह के नुकसान(guruvaar ke Deen Naa dhule baal anytha ho sakate hai kai tarah ke nuksaan)
शास्त्रों में कई ऐसी चीजें बताई गई है। जिनका सही तरह से यदि हम उपयोग अपने जीवन में करे तो कई तरह की समस्याएं जो हमारे दैनिक जीवन को बर्बाद कर रही है। उस पर हम विजय प्राप्त कर सकते हैं। गुरुवार का दिन ज्ञान प्राप्त करने का दिन माना जाता है। गुरुवार का दिन धन अर्जन करने का दिन माना जाता है। कोई भी कार्य की शुरूआत करने का शुभ दिन गुरुवार के दिन माना जाता है। इससे संबंधित चीजों का दिन भी गुरुवार के दिन माना जाता है। जितने भी स्वर्ण से संबंधित कार्य हैं।
उन सभी को पूर्ण करना गुरुवार के दिन उत्तम माना जाता है क्योंकि गुरु ग्रह का संबंध गुरुवार से होता हैl गुरुवार पर गुरु ग्रह बृहस्पति का आशीर्वाद बना रहता है। जो स्वयं देवताओं के गुरु के रूप में जाने जाते हैं। गुरुवार का दिन बहुत ही हमारे जीवन में महत्व रखता है क्योंकि यह दिन केवल गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त करने का ही दिन नहीं अपितु गुरुवार का दिन लक्ष्मी नारायण का भी दिन कहलाता है। ऐसी मान्यता है कि गुरुवार के दिन केले के वृक्ष का पूजन करने से ना केवल गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
बल्कि लक्ष्मीनारायण का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। जहां स्वयं नारायण विराजमान होते हैं। वहां माता लक्ष्मी दौड़ी चली आती है क्योंकि माता लक्ष्मी का निवास स्थान लक्ष्मी नारायण का वक्षस्थल माना जाता है। ऐसे में बिना लक्ष्मी के नारायण अधूरे माने जाते है। किंतु कई बार ऐसी हमसे गलतियां इस विशेष दिन को जाती है। जिसका प्रभाव हमारे जीवन को अर्श से फर्श पर लाकर रख देता है। हमारा जीवन बहुत अधिक प्रभावित होने लगता है। कई तरह की बिन बुलाए परेशानियां हमारे घर में विराजमान होने लगती
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कई तरह की समस्याएं हमें दुख देने लगती हैं। दुख- दरिद्रता का वास घर परिवार में होने लगता है। जिससे वरना लगभग नामुमकिन होने लगता है। जिसका प्रभाव घर के प्रत्येक सदस्य पर पड़ता है। अतः कुछ चीजें ऐसी होती हैं। जो हमें गुरुवार के दिन सोच समझकर करनी चाहिए क्योंकि गुरु ग्रह की स्थिति जब खराब होती है। तो व्यक्ति बहुत अधिक परेशानियों से गिर जाता है। कमजोर बृहस्पति के कारण परिस्थितियों पर नियंत्रण प्राप्त करना नामुमकिन होने लगता है।
गुरु ग्रह का प्रभाव ऐसा माना जाता है कि यह किसी भी चीज को विस्तृत बना देते हैं। ऐसे में यदि व्यक्ति को जब यह नकारात्मक परिणाम देते हैं। इनके द्वारा दिया जाने वाला निकृष्ट परिणाम बहुत ही विशाल रूप ले लेता है। जिसके परिणाम स्वरूप जातक के जीवन में एक से बढ़कर एक परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं। कई तरह की बड़ी घटनाएं घटने लगती है।
जिसमें आपको मान सम्मान की तक देखने को मिलते हैं। कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं व्यक्ति विशेष को प्रभावित करने लगती हैं। धर्म, कर्म, संस्कार से व्यक्ति विहीन होने लगता है। तो आइए जानते हैं कि शास्त्रों में गुरुवार के दिन बाल क्यों नहीं धोना चाहिए इसका सटीक कारण आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे-
गुरुवार के दिन बाल क्यों नहीं धोना चाहिए(guruvaar ke Deen baal kyu nahi dhona chahiye)
गुरुवार के दिन बाल धोने से व्यक्ति के सभी तरह के कार्यों में बाधाएं उत्पन्न होने लगते हैं। व्यक्ति विशेष का जीवन काफी अधिक परेशानियों से बड़ा होने लगता है क्योंकि गुरु ग्रह की अवस्था जब प्रतिकूल स्थिति में जाती है। तब व्यक्ति विशेष को कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होने लगती है। स्वास्थ्य की समस्याएं जैसे पाचन तंत्र पेट और मधुमेह जैसी समस्याएं सताने लगती हैं। व्यक्ति का वजन अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगता है। जिसके परिणाम स्वरूप आप अपने अंदर आत्मविश्वास की कमी महसूस करने लगते हैं।
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बेडौल शरीर आपकी मानसिक चिंता का कारण बनने लगता है। जब बृहस्पति ग्रह की अवस्था में होती है। तब वह शरीर के कई हिस्सों को लंबी बीमारियां प्रदान करता है। जिसमें रोगों का इलाज समय सीमा पर मिल पाना असंभव रहता है। जिसके कारण स्वास्थ्य की हुई क्षति की भरपाई करना लग भग नामुमकिन मानी जाती है। अतः स्वास्थ्य की समस्याओं पर विराम प्राप्त करने के लिए तथा गुरु ग्रह का आशीर्वाद सदा बनाए रखने के लिए व्यक्ति विशेष को गुरुवार के दिन बाल नहीं धोना चाहिएl
गुरुवार के दिन बाल क्यों नहीं धोना चाहिए(guruvaar ke Deen baal kyu nahi dhona chahiye )
हमारी दिनचर्या पर गुरु ग्रह का प्रभाव बहुत अधिक माना जाता है। जब किसी व्यक्ति के द्वारा गुरुवार के दिन बाल धोया जाता है। तब गुरु ग्रह की अवस्था में परिवर्तन आने लगता है। जिसके परिणामस्वरूप नौ ग्रहों की स्थिति भी चरमराने लगती है। जिससे न केवल गुरु ग्रह के द्वारा दुष्परिणाम दिए जाते हैं। बल्कि विभिन्न प्रकार के नौ ग्रहों के द्वारा भी अनेक प्रतिकूल प्रभाव के अंदर व्यक्ति का जीवन समाहित होने लगता है। उसे कई तरह की परेशानियां होने लगती है। उम्र से पहले ही व्यक्ति बुढ़ापा के प्रभाव में आने लगता है। घर परिवार की संरचना तबाह हो जाती है।
धन की बर्बादी से व्यक्ति का जीवन और अधिक प्रभावित होने लगता है। उसे धन तथा ज्ञान से जुड़े हुए मामलों में कई तरह की परेशानियां आने लगती है। धन का सृजन का स्रोत पूर्ण रूप से प्रभावित होने लगता है। इसके साथ ही ज्ञान का सही उपयोग करने में व्यक्ति विशेष असफल होने लगता है। अपनी बुद्धिमता का प्रयोग करने में असफल होने लगता है।
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जिसके परिणाम स्वरूप कई तरह की समस्याओं के कारण उसकी आय की स्थिति भी पूर्ण रूप से बाधित होने लगती है। लगातार उसे आर्थिक अवन्नति मानसिक परेशानियां देने लगती हैं। पंचतत्व में आकाश की प्रधानता गुरु ग्रह बृहस्पति में बहुत अधिक मानी जाती है। ऐसे में व्यक्ति के जीवन में कोई भी बड़ा उपलब्धि उसे प्राप्त नहीं होता है।
गुरुवार के दिन बाल क्यों नहीं धोना चाहिए(guruvaar ke Deen baal kyu nahi dhona chahiye)
गुरुवार के दिन बाल धोने से घर गृहस्ती की गाड़ी बिल्कुल तबाह हो जाती हैं। वैवाहिक जीवन बहुत अधिक कठिनाइयों से बड़ा रहने लगता है। महिलाओं पर इसका प्रभाव बहुत अधिक पड़ता है क्योंकि महिलाएं ही घर की प्रमुख भूमिकाओं में अपनी सहभागिता अप्रतिम रूप से निभाती हैं। ऐसे में जब घर की लक्ष्मी ही प्रभावित होने लगी तो उस घर की संरचना बिगड़ना तय है। इसलिए
गुरुवार के दिन बाल धुल कर नहीं नहाना चाहिए। अन्यथा उस घर की बर्बादी को कोई भी नहीं रोक सकता है। तो ऐसा करने से परिवार का प्रत्येक सदस्य प्रभावित होता है। हर एक व्यक्ति पर किसी ना किसी तरह की नकारात्मक चीजों का प्रभाव हावी रहता है। उनके बुद्धि भ्रष्ट होने की संभावना रहती है। ज्ञान, ध्यान, पूजा- पाठ सभी में कई तरह की कमियां आने लगती है।
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