रूठे हुए एवं क्रोधित सूर्यपुत्र शनिदेव को मनाने के उपाय , ruthe hue aev krodhit suryaputra shanidev ko manane ke upay

रूठे हुए एवं क्रोधित सूर्यपुत्र शनिदेव को मनाने के उपाय(ruthe hue aev krodhit suryaputra shanidev ko manane ke upay)

शनिवार (shanivar)के दिन क्या करना चाहिए जिससे हम अपने सोए हुए भाग्य के सितारे को चमका सकते हैं। वैसे तो हिंदू परंपरा में कई तरह की ऐसी चीजें बताई गई है। जो हमारे जीवन को एक सही दिशा एवं दशा प्रदान करने में सक्षम होती है। यही कारण है कि विश्व में जितनी भी सभ्यताओं की जानकारियां प्राप्त हुई है। उनमें से सबसे उन्नत सभ्यता, उन्नत विचारधारा, हिंदू संस्कृति को माना गया है। हिंदू परंपराओं का वैज्ञानिक प्रमाण इस बात की ओर संकेत देता है कि हमारे पूर्वज कितने उन्नत सोच वाले कितने विद्वान रहे होंगे।

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जो हमें हमारे जीवन के समस्याओं का समाधान प्राप्त करने के लिए सृष्टि में ही व्याप्त चीजों का प्रयोग कैसे करना चाहिए। उसका ज्ञान हमें उन्होंने करायाl जिससे हम अपने जीवन को एक सही अवस्था तक ले जा पाएl जैसे- यदि हम दिनों की ही बात करें तो उसमें देखेंगे कि प्रत्येक दिन किसी न किसी ब्रह्मांड के आकाशीय पिंड के समर्पित है। जैसे- सोमवार का दिन मन को नियंत्रण करने वाला चंद्रमा से समर्पित माना जाता है। बुधवार का दिन बुद्धि के कारक बुद्धदेव को माना जाता है। उसी प्रकार हमारे भाग्य का कारक एवं हमारे जीवन में स्थायित्व को प्रदान करने वाले शनि देव को शनिवार का अधिपति माना जाता है।

आज हम शनि देव(shanidev) से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालने का प्रयास करेंगे एवं जानेंगे कि शनिवार के दिन क्या करना चाहिए? जिससे शनिदेव के हम कृपा पात्र बने ना कि क्रोध पात्र शनि की दृष्टि जिससे ना केवल मनुष्य योनि में जन्म लेने वाले जीव डरते हैं। बल्कि ब्रह्मांड के संपूर्ण कण तक इनका प्रभाव माना जाता है। व्यक्ति जन्म जन्मांतर तक इनके द्वारा दिए जाने वाले दंड या दिए जाने वाले पुरस्कार का भोग भोगता है।  देवता हो या दानव या कोई भी गण या 8400000 योनियों में जन्म लेने वाले कोई भी जीव सभी पर इनका प्रभाव रहता है।

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यह पूरे ब्रह्मांड के संचालक के रूप में जाने जाते हैं। इनके ही प्रभाव के कारण न्याय का डंका चारों दिशाओं में बजता है क्योंकि शनिदेव किसी के लिए भी ना अच्छा सोचते हैं और ना बुरा सोचते हैं। यह हमारे कर्म है जो हमें इनके कृपा पात्र बनाते हैं या हमें क्रोध के पात्र बनाते हैं।  फिर भी लोगों के मन में शनि देव का नाम सुनते ही भय का सागर प्रचंड रूप से उत्पन्न होने लगता है।

किंतु कई ऐसी चीजें हमारे शास्त्रों में वर्णित है। जिसका पालन यदि हम सही ढंग से करें। तो शनिवार का दिन हम श्रेष्ठ बना सकते हैं तथा शनिवार के दिन उन विशिष्ट उपायों का प्रयोग कर शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। तो आइए चलिए जानते हैं शनिवार के दिन क्या करना चाहिए? जिससे शनि देव हमें भी अपनी कृपा दृष्टि से कृतार्थ करें हमारे कष्टों को दूर कर दे-

शनिवार के दिन क्या करना चाहिए (shanivar ke din kya karna chahiye)

शनि देव के कुपित प्रवृत्ति से बचने के लिए बजरंगबली के शरण में जाना सबसे उपयुक्त माना जाता है। ऐसे लोग जो किसी भी तरह के शनि दोष से ग्रसित है या शनि के विभिन्न चक्र जैसे- शनि की ढैया, शनि की साढ़ेसाती, शनि की दशा, शनि की महादशा या किसी भी तरह के शनि से उत्पन्न दुर्योग से पीड़ित है। तो उन्हें बजरंगबली की सेवा अर्चना अवश्य करना चाहिए। सुंदरकांड का पाठ करना ना केवल शनि देव के क्रोध को शांत करता है। बल्कि मंगल ग्रह भी मजबूत होता है।

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जिससे क्रूर प्रवृत्ति रखने वाले मंगल ग्रह के साथ-साथ शनि ग्रह की भी शांति पूर्वक व्यक्ति का जीवन एक सही दिशा में बढ़ता है। शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना भी बहुत ही उत्तम माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि शनिदेव बजरंगबली के समक्ष सदैव नतमस्तक रहते हैं तथा जिन लोगों पर बजरंगबली की कृपा रहती है। उन पर शनि का कुचक्र निष्फल रहता है शनिदेव उस जातक पर बिल्कुल भी अपने प्रभाव से उसका अनर्थ नहीं कर पाते हैं। जो रामदूत हनुमान जी की शरण में होता है। इस दिन बजरंग बली को सिंदूर तथा चमेली का तेल चढ़ाना भी बहुत शुभ माना जाता है।

शनिवार के दिन क्या करना चाहिए(shanivar ke din ki kya karna Chahiye)

ऐसी मान्यता है कि शनिवार के दिन यदि पीपल के पेड़ में जल दिया जाए तथा पीपल वृक्ष की परिक्रमा शनिदेव का मंत्र पढ़ते हुए की जाए तो शनिदेव बहुत ही प्रसन्न होते हैं। व्यक्ति के जीवन में चल रही समस्याओं का जल्द ही समाधान प्राप्त होता है। जो बच्चे बहुत ही आलस्य से ग्रसित होते हैं या ऐसे लोग जो अकर्मण्यता युक्त चीजों में लिप्त रहते हैं।

प्रायः उनमें निरुत्साह का प्रभाव बहुत अधिक रहता है। ऐसे लोग शनिदेव के क्रोध एवं कुपित होने के कारण ऐसी प्रवृत्ति का जीवन जीते हैंl ऐसी अवस्था से बचने के लिए उन्हें भी प्रायः शनिवार के दिन सूर्य उदय से पूर्व गुड़, तिल मिला हुआ जल पीपल में अर्पण करना चाहिएl साथ में तेल का दीपक जलाना भी बहुत शुभ माना जाता है।

शनिवार के दिन क्या करना चाहिए(shanivar ke din kya karna chahiye)

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शनिवार के दिन भूलकर भी किसी ऐसे व्यक्ति से उलझने का प्रयास ना करें। जो किसी न किसी रूप में प्रकृति का अभिशाप झेल रहा हो अर्थात ऐसे लोग जो दिव्यांग है या जिनकी बुनियादी जरूरतें भी पूर्ण नहीं हो पा रही हो या गरीब हो यदि इसके उलट आप शनिवार के दिन गरीब व्यक्तियों को सेंधा नमक युक्त एवं उसमें काली गोलकी का प्रयोग किया हुआ भोजन कराते हैं।

तो शनिदेव के आप कृपा पात्र बन जाते हैं। शनिदेव आप के जीवन से दुख दरिद्रता का नाश करते हैं तथा आपके ऊपर सदा अपनी प्रसन्नता युक्त दृष्टि रखते हैंl जिससे आपका जीवन स्वर्ग के समान परिवर्तित होने लगता है। जिस प्रकार वह भोजन का सेवन कर व्यक्ति कृतार्थ होगा। उसी प्रकार आपको भी प्रकृति से अनेक तरह से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

शनिवार के दिन क्या करना चाहिए(shanivar ke din kya karna chahiye)

शनिवार के दिन असमर्थ लोगों को या गरीब लोगों को या मजदूर वर्ग को यदि आपको जलेबी या गुलाब जामुन का सेवन करने देते हैं। तो यह आपके लिए बहुत ही शुभ रहता है। इसके साथ-साथ यदि आप उन्हें जूते या छाता उपहार स्वरूप प्रदान करते हैं या किसी भी रूप में आप मजदूर वर्ग के लोगों को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। तो आपके भाग्य के सितारे चमकाने में शनिदेव बिल्कुल भी पीछे नहीं हटते हैं। आपकी धन संबंधित चिंताओं का समाधान बहुत ही त्वरित गति से करते हैं। आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन की गंगा प्रचंड रूप से पहले लगती हैl आपका जीवन बदलने लगेगा।

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